देश की रक्षा के लिए 288 युवा तैयार, 377 जेंटलमैन कैडेटों बनेंगे सैन्य अधिकारी

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देश की रक्षा के लिए 288 युवा तैयार, 377 जेंटलमैन कैडेटों बनेंगे सैन्य अधिकारी

 

भारतीय सैन्य अकादमी में सालभर का कड़ा सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर 288 युवा देश की आन, बान व शान की रक्षा के लिए तैयार हैं।
शनिवार यानी 11 जून को अकादमी में आयोजित होने वाली गरिमामय परेड में शिरकत करने के बाद अलग-अलग राज्यों के ये सभी युवा बतौर अधिकारी थलसेना का अभिन्न अंग बन जाएंगे।
इसके अलावा आठ मित्र देशों के 89 जेंटलमैन कैडेट भी अपने-अपने देश की सेना में शामिल हो जाएंगे।
इस बार भारतीय सेना की साउथ वेस्टर्न कमान के जीओसी-इन-सी ले. जनरल अमरदीप सिंह भिंडर बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड में शिरकत करने देहरादून पहुंच रहे हैं।

इससे पहले देश-विदेश के 377 जेंटलमैन कैडेटों ने बृहस्पतिवार सुबह को कमांडेंट परेड में शिरकत करते हुए शानदार कदमताल की।
अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर पासिंग आउट बैच के इन जेंटलमैन कैडेटों ने आईएमए गीत की धुन पर कदम से कदम मिलाते हुए समादेशक ले. जनरल हरिदर सिंह से विदाई ली। इस दौरान समादेशक ने रिहर्सल के तौर पर बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड का निरीक्षण कर पासिंग आउट बैच के जेंटलमैन कैडेटों से जनरल सैल्यूट लिया। लग्भग दो घंटे तक आयोजित हुई कमांडेंट परेड में जेंटलमैन कैडेटों ने चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर कदमताल करते हुए दर्शक दीर्घा में बैठे सैन्य अधिकारियों, प्रशिक्षकों व जूनियर कैडेटों को गद्गद किया।

परेड के दौरान जेंटलमैन कैडेट जोश व जज्बे से भरपूर दिखे। मार्कर कॉल के उपरांत परेड कमांडरों की टुकड़ी ने जैसे ही ड्रिल स्क्वायर पर कदम रखे तो दर्शक दीर्घा में बैठे जूनियर कैडेटों ने पासिंग आउट बैच के इन जेंटलमैन कैडेटों का उत्साह बढ़ाया। परेड कमांडर के नेतृत्व में भारत माता तेरी कसम…गीत की धुन पर कैडेटों ने कदम से कदम मिलाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस अवसर पर समादेशक ने सैन्य प्रशिक्षण के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जेंटलमैन कैडेटों को रिहर्सल के तौर पर सोर्ड ऑफ ऑनर के साथ ही गोल्ड, सिल्वर व ब्रांज मेडल प्रदान कर सम्मानित किया।

अगले यानी शनिवार को पास आउट हो रहे जेंटलमैन कैडेटों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बतौर सैन्य अधिकारी सेना में शामिल होने जा रहे कैडेटों को सैन्य परंपराओं का निवर्हन कर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि सेना की प्रतिष्ठा अब उनके (कैडेटो) कंधों पर है। उच्च आदर्श व उत्कृष्टत युवा अफसरों के कार्यों में प्रतिबिंबित होने चाहिए। मित्र देशों के कैडेटों को उन्होंने सैन्य प्रशिक्षण में सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए बधाई दी। उम्मीद जताई कि वह आईएमए में सैन्य प्रशिक्षण के दौरान के यादगार लम्हों को समेट कर अपने साथ ले जाएंगे, जो कि मौजूदा परिपेक्ष्य में वैश्विक स्तर पर दोस्ताना माहौल के लिए जरूरी भी है।

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