उत्तराखंड :राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाडे के अवसर पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने नेत्रदाताओं को किया सम्मानित ,आओ अंधता मिटाने के लिए इस अभियान से जुड़ें‘
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नेत्रदान केन्द्र ने राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाडे के अवसर पर नेत्रदाताओं को किया सम्मानित ,
देहरादून।
36वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े (25 अगस्त-8 सितम्बर) के अवसर पर हर वर्ष की भाॅंति श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में इस बार भी ज्ञानवर्धक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शीर्षक था ‘अंधता मिटाने के लिए हमारे अभियान से जुड़ें‘।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डाॅं0 अनिल कुमार मेहता, उप प्राचार्य डाॅं0 सुधीर सच्चर, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅं0 अनिल कुमार धवन, नेत्र रोग के विभागाध्यक्ष एवं नेत्रदान केन्द्र की प्रभारी डाॅं0 तरन्नुम शकील व कार्यक्रम की मुख्य अतिथि निदेशक, नेशनल हैल्थ मिशन, उत्तराखण्ड सरकार, डाॅं0 सरोज नैथानी ने संयुक्त रूप से दीप- प्रज्जवलन कर किया।
नेत्र रोग की विभागाध्यक्ष डाॅं0 तरन्नुम शकील ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में संचालित नेत्रदान केन्द्र की सफलता के प्रेरणा स्त्रोत अस्पताल के चेयरमैन श्री महंत देवेन्द्र दास जी महाराज हैं।
श्री महाराज जी के अमूल्य मार्गदर्शन व आशीष से नेत्रदान केन्द्र सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है।
उन्होंने समय-समय पर एसजीआरआरआईएमएण्डएचएस के प्राचार्य डाॅं0 अनिल कुमार मेहता, उप प्राचार्य डाॅं0 सुधीर सच्चर व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅं0 अनिल कुमार धवन द्वारा मिलने वाले बहुमूल्य परामर्श को भी नेत्रदान केन्द्र की सफलता का श्रेय दिया। उन्होंने नेत्रदान से सम्बन्धित मिथकों व अंधविश्वास को तोड़ते हुए इसे एक महान कार्य बताया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅं0 सरोज नैथानी ने पब्लिक हैल्थ के अपने 30 साल के अनुभव को साझा किया। उन्होंने नेत्रदान के क्षेत्र में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नेत्रदान केन्द्र की सफलता की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
कार्यक्रम में आमंत्रित नेत्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर व आई बैंक एम्स ऋषिकेश की मेडिकल डायरेक्टर नीती गुप्ता ने नेत्रदान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए समझाया कि नेत्रदान कौन-कौन कर सकता है व नेत्रदान से पूर्व निर्धारित मापदण्ड क्या हैं। उन्होंने सभी को नेत्रदान हेतु शपथपत्र भरने के लिए भी प्रेरित किया।
प्रो0 (डाॅं0) तरन्नुम शकील ने अपने सम्बोधन में नेत्रदान से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियाॅं साझा की। उन्होंने बताया कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में ज्यादा से ज्यादा नेत्रहीन लोगों को नेत्रज्योति प्रदान करने के मानवीय उद्देश्य व संकल्प के साथ सन् 2012 में नेत्रदान केन्द्र (आई डोनेशन सेंटट) की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि तभी से यह नेत्रदान केन्द्र काॅंरनियल नेत्रहीन लोगों के जीवन में उजाला करके इस खूबसुरत दुनिया को देखने का अवसर प्रदान कर चुका है।
उन्होंने बताया कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में ‘कीरैटोप्लास्टी‘ (आखों की पुतली बदलने की प्रक्रिया) हेतु अनुभवी नेत्र सर्जनों, नर्सिंग स्टाफ, टेक्निशियनों की टीम उपलब्ध है। इसके अलावा अत्याधुनिक आपरेशन थियेटर में नेत्र प्रत्यारोपण की सुविधा व 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा के द्वारा मृतक के घर जाकर विशेषज्ञों द्वारा आखों की पुतलियाॅं निकालने की सम्पूर्ण सुविधाएं हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी बावजूद अस्पताल का नेत्रदान केन्द्र सक्रिय रहा और 10 पुतलियाॅं अर्जित करने में सफल रहा। यह विश्वव्यापी पुतलियों की कमी के समय में एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी। उन्होंने जानकारी दी की कोई भी व्यक्ति अपने जीवन के दौरान नेत्रदान केन्द्र आकर शपथ-पत्र भर सकता है ताकि मृत्यु के बाद उसके नेत्र किसी नेत्रहीन की ज्योति बन सकें। उन्होंने कहा कि अस्पताल नेत्र बैंक स्थापित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। डाॅं0 तरन्नुम शकील ने कहा कि यदि किसी ने जीते जी नेत्रदान का शपथ-पत्र नहीं भरा है तब भी उसकी मृत्यु हो जाने पर उसके परिजन नेत्रदान की अनुमति दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि नेत्रदान में उम्र, लिंग, धर्म, जाति इत्यादि कोई बाधा नहीं है, कोई भी नेत्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि नेत्रदान के इच्छुक व्यक्ति अथवा मृतक के परिजन अस्पताल के नेत्रदान केन्द्र से 0135-6672400 (एक्सटेंशन 205, 624) पर अथवा मोबाईल नं0 6395060216 व जगतबन्धु सेवा ट्रस्ट के श्री सुमित प्रजापति से मोबाईल नं0 9520329258 या 8535073474 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
कार्यक्रम में नेत्रदान करने हेतु उत्साहित करने के विषय पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में मेडिकल छात्र-छात्राओं ने बढ-चढ कर प्रतिभाग किया। एम0बी0बी0एस0 तृतीय वर्ष की डाॅ0 सारथी, डाॅं0 गीशू, डाॅं0 विदिशा, डाॅं0 सृष्टि व डाॅं0 वैभव की टीम सर्वश्रेष्ठ पोस्टर हेतु चुने जाने के लिए विजयी घोषित कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अस्पताल के नेत्र विभाग की डाॅं0 रूचिका जोशी, डाॅं0 समदिशा, डाॅं0 श्रिया सिंह तथा डाॅं0 अंशिका लूथरा को भी अस्पताल के नेत्रदान केन्द्र को सफल बनाने के लिए किये गये अथक प्रयासों हेतु स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नेत्रदान पर ज्ञानवर्धक व जागरूकतापरक चलचित्र भी दिखाये गये। इसके अलावा नेत्रदान जानकारी सम्बन्धित साहित्य भी बाॅंटा गया।
कार्यक्रम में नेत्रदान कर चुके मृतकों (सुमन, सुशीला, नीलम, राम व जमुना देवी) के परिजनों ने भी भाग लिया जिन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सभी परिजनों के लिए यह एक भावनात्मक पल था।
कार्यक्रम का संचालन डाॅं0 समदिशा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डाॅं0 तरन्नुम शकील द्वारा दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में नेत्ररोग विभाग के स्नात्कोŸार छात्र-छात्राओं का भी विशेष सहयोग रहा।
इस अवसर पर डाॅं0 एस0डी0 विजय, डाॅं0 तारिक मसूद, डाॅं0 वत्सला, डाॅं0 मोनिका, नर्सिंग अधीक्षिका बिन्सी पी0 तिवारी, नर्सिंग स्टाफ व नेत्र-दाताओं के परिजन भी उपस्थित थे।