बड़ी ख़बर : प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति ने एसजीआरआर मेडिकल कॉलेजकी लंबित फीस प्रकरण पर फीस निर्धारण का सुनाया फैसलाअब आदेशानुसार शुल्क निर्धारण के बाद छात्र-छत्राओं को जमा करनी होगी फीस

telemedicine
telemedicine

बड़ी ख़बर : प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति ने एसजीआरआर मेडिकल कॉलेजकी लंबित फीस प्रकरण पर फीस निर्धारण का सुनाया फैसलाअब आदेशानुसार शुल्क निर्धारण के बाद छात्र-छत्राओं को जमा करनी होगी फीस

 

माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर गठित हुई थी प्रवेश एवम् शुल्य नियामक समिति

माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में शपथपत्र भरकर छात्र-छात्राओ ंने सशर्त प्रवेश लिया था
अब आदेशानुसार शुल्क निर्धारण के बाद छात्र-छत्राओं को जमा करनी होगी फीस

देहरादून। माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश पर राज्य में मेडिकल की फीस निर्धारण के लिए गठित प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति ने एमबीबीएस व पीजी की लंबित फीस प्रकरण मामले पर आदेश जारी कर दिए हैं। प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति ने 25 फरवरी 2023 को जारी आदेश में फीस निर्धारण के लंबित प्रकरण पर फैसला सुना दिया है। आदेश के अनुसार छात्र-छात्राओं को लंबित फीस का भुगतान करना होगा। एमबीबीएस 2018-19, पीजी क्लीनिक 2018-19, पीजी नॉन क्लीनिकल 2018-19, पीजी क्लीनिकल 2017-18 व पीजी क्लीनिकल 2017-18 की फीस निर्धारण का मामला कई वर्षों से विचाराधीन था। एसजीआरआर मेडिकल कॉलज को फीस निर्धारण न होने का भारी खामियाजा भुगतना पड़ा।
काबिलैगौर है कि वर्ष 2017-18, 2018-19 में एमबीबीएस व पीजी सीटों की फीस निर्धारण होने के कारण छात्र-छात्राआंें माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल में शपथपत्र देकर प्रवेश लिया था। शपथपत्र के अनुसार छात्र-छात्राओं ने यह घोषणा की थी कि फीस निर्धारण के लंबित प्रकरण पर माननीय उच्च न्यानयाल द्वारा गठित प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति द्वारा जो भी फीस निर्धारित की जाएगी, छात्र-छात्राएं भविष्य में वह फीस मेडीकल कॉलेज में जमा करवाएंगे। एफिडेविट के नियम व शर्ताें के अनुपालन में तब उन छात्र-छात्राओं को श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज में प्रवेश दिया गया। वर्षाें की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद एमबीबीएस व पीजी की विचाराधीन फीस प्रकरण पर फीस निर्धारित हो पाई है।
इस लम्बे समय अन्तराल की प्रतीक्षा का एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज को भारी खामियाजा भुगतना पड़़ा। कॉलेज निरंतर संघर्ष करता रहा। कॉलेज के विकास कार्य प्रभावित हुए। यदि देश भर के मेडिकल कॉलेजों के तत्कालीन वर्षों की एमबीबीएस व पीजी सीटी कों तुलना की जाए तो एसजीआरआर इंस्टीट्यूट ऑॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज की तुलना में उन कॉलेजों की फीस 4 से 5 गुना तक अधिक है।
यदि उत्तराखण्ड राज्य की ही बात की जाए तो हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑॅफ मेडिकल साइंसेज़, जौलीग्रांट में 18 लाख फीस है। माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल ने इस बिन्दु पर श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज के पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके अनुसार एक राज्य में दो विश्वविद्यालयों के लिए फीस तय करने के मानक अलग अलग नहीं हो सकते हैं। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑॅफ मेडिकल साइंसेज़, जौलीग्रांट की तरह श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय को भी श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज की फीस निर्धारण का अधिकार मिला है। राज्य सरकार लंबे समय से पहाड़ांें में डॉक्टरों की संख्या ब़ढाने के लिए प्रयत्नशील है लेकिन डॉक्टर निर्धारित बॉड की र्श्तों का अनुपालन न कर बॉड की शर्तों का उल्लंघन कर राज्य छोड़कर चले जा रहे हैं। यही कारण है कि पहाड़ में डॉक्टरी की कमी की समस्या बनी हुई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here