• Wed. Feb 5th, 2025
Share this

प्रदेश में बागवानी विकास की योजनाओं को धरातल पर लाये जाने के लिये मिशन मोड में हों प्रयास – मुख्यमंत्री…

योजनाओं के क्रियान्वयन में मजबूत इच्छाशक्ति के साथ प्रदेश हित का रखा जाये ध्यान..

सेब एवं कीवी उत्पादक क्षेत्रों का हो चिन्हीकरण, किसानों की समस्याओं का हो समाधान…

विशेषज्ञों के साथ विभागीय टीम का गठन कर जमीनी जरूरतों की हो पहचान…

विभागीय अधिकारी बैठकों को कोरम पूरा करने का माध्यम नहीं बल्कि उसका महत्व समझें, कार्य योजना को धरातल पर लाने का करें प्रयास…

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को बागवानी विकास की योजनाओं को धरातल पर लाये जाने के लिये मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि योजनाओं के क्रियान्वयन में मजबूत इच्छा शक्ति के साथ प्रदेश हित को ध्यान में रखा जाये। उन्होंने प्रदेश में सेब एवं कीवी उत्पादक क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर इससे जुड़े किसानों की समस्याओं को त्वरित ढंग से समाधान किये जाने के साथ ही विषय विशेषज्ञों के साथ विभागीय टीम गठित कर इस संबंध में जमीनी जरूरतों का समाधान करने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित बैठकों को मात्र कोरम पूरा करने का माध्यम नहीं बल्कि योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करने का माध्यम बनाये जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। मुख्यमंत्री ने 15 दिन के बाद इस संबंध में पुनः समीक्षा बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिये हैं।

गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में सेब की खेती एवं कीवी मिशन की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमाचल की भांति हमारे प्रदेश का किसान भी सेब एवं कीवी उत्पादन में अग्रणी बने तथा उनकी आर्थिकी बढ़े, इसके लिये प्रदेश में सेब उत्पादक क्षेत्रों के चिन्हीकरण, भूमि की उत्पादन क्षमता अच्छी किस्म की पौधों की किसानों तक उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि हमारा किसान रोजगार देने वाला भी बने, इस दिशा में कारगर ढंग से कार्य होना चाहिये। उन्होंने इसके लिये किसानों को प्रशिक्षण के साथ ही उन्हें जागरूक करने पर भी ध्यान देने को कहा तथा उत्पादों के बेहतर विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर ध्यान देने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 2030 तक बागवानी क्षेत्र में 3 हजार करोड़ की आय का लक्ष्य तो रखा है लेकिन इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये वर्षवार उत्पादन क्षमता के निर्धारण पर हमें ध्यान देना होगा। उन्होंने बागवानी क्षेत्र में कल्स्टर आधारित एप्रोच पर भी ध्यान देने पर बल दिया तथा सेब एवं कीवी उत्पादन क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज के प्रस्ताव भी तैयार करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि हमें प्रदेश में नई कार्य संस्कृति के साथ कार्य करना होगा। हमारे प्रयासों से राज्य को कितना लाभ मिल रहा है अधिकारी इसका भी आकलन करें। योजनाओं को शीघ्रता से जमीन पर उतारने के लिये सरलीकरण, समाधान एवं संतुष्टि के मंत्र को ध्यान में रखा जाना चाहिये। कार्यों को लटकाने पर नहीं उन पर शीघ्रता से निर्णय लेकर आगे बढ़ने की दिशा में काय होना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बागवानी विकास की योजनाओं के लिये धन की कमी नहीं होने दी जायेगी।

बैठक में , सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डेय, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, निदेशक उद्यान. एच.एस. बवेजा के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे

Share this

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *