क्या गृह विभाग ने दबा डाली बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य के घपले की जांच…  

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क्या गृह विभाग ने दबा डाली बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य के घपले की जांच…

 

 

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गृह विभाग ने दबायी बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य के घपले की जांच

देहरादून, 20 सितम्बर । करोड़ों सनातन धर्मावलम्बियों की आस्था के केंद्र बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर साल करोड़ों की आय और लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करने वाले भारत के इन पवित्रतम मंदिरों का प्रबंधन बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति करती है जो कि राज्य सरकार द्वारा गठित और नियंत्रित होती है। इस बार एक सदस्य पर लग रहे गंभीर आरोपों के कारण मंदिर समिति ही विवादों में आ गयी है और सरकार ने जांच कराने के बजाय आरोपों से मुँह फेरा हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के एक सदस्य के विरुद्ध हुई जांच पर गृह विभाग कुंडली जमाये बैठा है। दोषियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करने के लिए धर्मस्व व संस्कृति विभाग द्वारा गृह विभाग को पत्र लिखे जाने के बावजूद विभाग कार्यवाही करने को तैयार नहीं दिख रहा है।
गौरतलब है कि देवभूमि भैरव वाहिनी के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने फरवरी 2023 में सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर मंदिर समिति के सदस्य पर मंदिर निधि की हानि व दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की थी। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार शासन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सहमति के बाद प्रकरण की जांच जनपद स्तर पर किसी राजपत्रित अधिकारी के पर्यवेक्षण में कराने के लिए पुलिस महानिदेशक को निर्देशित करने का निर्णय लिया।

इस क्रम में गृह विभाग की विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने 12 अक्टूबर, 2023 को पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर प्रकरण की जांच के आदेश दिए। पुलिस मुख्यालय से इसकी जांच चमोली पुलिस को सौंपी गयी। पुलिस उपाधीक्षक के पर्यवेक्षण में संचालित जांच की रिपोर्ट चमोली के पुलिस अधीक्षक द्वारा फरवरी, 2024 में गढ़वाल के पुलिस महानिरीक्षक को भेज दी गयी।

पुलिस मुख्यालय से जांच आख्या को शासन में भेजे जाने के बाद लम्बे समय तक यह फाइल गृह विभाग में धूल खाती रही। इस वर्ष अप्रैल माह में गृह विभाग ने अग्रिम कार्रवाई करने के बजाय यह पत्रावली धर्मस्व व संस्कृति विभाग के सचिव को यह कह कर प्रेषित कर दी की नियमानुसार कार्यवाही करें। धर्मस्व व संस्कृति विभाग ने भी तीन माह से अधिक समय तक फाइल को अपने पास रोके रखा और 19 जुलाई को पत्रावली गृह विभाग को वापस भेज दी।
गृह सचिव शैलेश बगोली को लिखे पत्र में सचिव, धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर दर्ज की गयी शिकायत के आधार पर सदस्य के विरुद्ध मंदिर निधि की हानि एवं दुरूपयोग किए जाने के आरोपों की जांच पुलिस (गृह विभाग) द्वारा सम्पादित की गयी है एवं आरोपों की पुष्टि भी की गयी है। चूंकि जांच व आरोपों की पुष्टि पुलिस विभाग के स्तर पर की गयी है। अतः उपरोक्त के क्रम में प्रश्नगत प्रकरण में जांचोपरांत नियमानुसार दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्यवाही करने का कष्ट करें।

गृह सचिव को 19 जुलाई को पत्रावली भेजे जाने के बाद अब करीब दो माह का समय व्यतीत हो चुका है। लेकिन गृह विभाग के स्तर से अभी तक इस मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही होते नहीं दिख रही है। इस कारण शासन की मंशा पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। उधर, प्रकरण को लेकर गृह सचिव से संपर्क करने का प्रयास किया गया, किन्तु उनसे सम्पर्क नहीं हो सका। यदि गृह विभाग अपना पक्ष देगा तो उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।

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