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18 दिन तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार राष्ट्रीय खेलों के विभिन्न आयोजन स्थलों पर पहुंचकर स्थितियों का जायजा लेते रहे। जिससे ना सिर्फ खिलाड़ियों को प्रोत्साहन बढा बल्कि आयोजन भी कुशलता पूर्वक सम्पनन हुआ  

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Feb 14, 2025
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18 दिन तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार राष्ट्रीय खेलों के विभिन्न आयोजन स्थलों पर पहुंचकर स्थितियों का जायजा लेते रहे। जिससे ना सिर्फ खिलाड़ियों को प्रोत्साहन बढा बल्कि आयोजन भी कुशलता पूर्वक सम्पनन हुआ

 

नौ स्थानों पर 18 दिनों तक चले राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के जरिए, उत्तराखंड खेल परिदृष्य में प्रमुख शक्ति बनकर उभरा है। उत्तराखंड ना सिर्फ पदक तालिका में अपनी रैंकिंग सुधारने में कामयाब रहा, बल्कि पूरे आयोजन को अनुशासित तरीके से सम्पन्न कराने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भी अपनी क्षमता का परिचय दिया है।
उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों को हरी झंडी 9 अक्तूबर को मिल पाई, इस तरह 28 जनवरी से राष्ट्रीय खेल शुरू करने के लिए राज्य सरकार को महज साढ़े तीन महीने का ही समय मिल पाया। कम समय को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तुरंत ग्राउंड जीरो पर उतरे, राज्य के सामने दूसरी चुनौती यह थी कि इस बार खेल प्रतियोगिताएं नौ शहरों में आयोजित की जा रही थी। जिसमें पिथौरागढ़, टिहरी जैसे पहाड़ी जिले भी शामिल थे, जहां सुविधाएं जुटाने से जेकर खेल आयोजन में तक कई तरह की चुनौतियां थी। बावजूद इसके राज्य सरकार ने खेल आयोजनों को कुशलता पूर्वक आयोजित कर, किसी भी खिलाड़ी, कोच, अधिकारी या दर्शक को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी। इस बार सभी खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन उत्तराखंड राज्य के भीतर ही किया गया। जबकि पहले एक से अधिक राज्यों में खेल प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाता था।
लगातार जायजा लेते रहे सीएम
28 जनवरी 2025 से राष्ट्रीय खेलों का आगाज, देहरादून में प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुआ, जबकि समापन 14 फरवरी को हल्द्वानी में गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में हुआ। इस तरह 18 दिन तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार राष्ट्रीय खेलों के विभिन्न आयोजन स्थलों पर पहुंचकर स्थितियों का जायजा लेते रहे। जिससे ना सिर्फ खिलाड़ियों को प्रोत्साहन बढा बल्कि आयोजन भी कुशलता पूर्वक सम्पनन हुआ।

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विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान कहा कि यह संशोधन भू सुधारों में अंत नहीं अपितु एक शुरुआत  
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट का आकार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह दर्शाता है कि राज्य आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है और विकास के नए आयाम गढ़ रहा है  
राज्य सरकार का यह फैसला शहीदों के परिवारों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और सम्मान को दर्शाता है।इस निर्णय से न केवल परिवारों को आर्थिक संबल मिलेगा, बल्कि उन्हें समाज में एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्राप्त होगा  

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