श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग ने किया रैली का आयोजन विश्व कैंसर सेवा दिवस पर दिया कैंसर से लड़ने का संदेश डॉक्टरों व मेडिकल छात्र-छात्राओं ने रैली में किया प्रतिभाग

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कैंसर से डरना नहीं लडना है का संदेश
लेकर जनजागरूकता रैली निकाली

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग ने किया रैली का आयोजन
विश्व कैंसर सेवा दिवस पर दिया कैंसर से लड़ने का संदेश
डॉक्टरों व मेडिकल छात्र-छात्राओं ने रैली में किया प्रतिभाग

देहरादून।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल (एस.जी.आर.आर.) के कैंसर सर्जरी विभाग की ओर से रविवार को जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। विश्व कैंसर सेवा दिवस के अवसर पर आयोजित रैली में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल एवम् श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हेल्थ साइंसेज़ के डॉक्टरों एवम् नर्सिंग के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। रैली के माध्यम से डॉक्टरों ने कैंसर रोग के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। रैली के दौरान हाथों में तख्तियों व प्लै कार्ड्स पर विभिन्न संदेश लिखकर कैंसर से लड़ना है डरना नहीं का संदेश दिया गया।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल कैंसर सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पंकज कुमार गर्ग की अगुवाई में 120 डॉक्टरों व छात्र छात्राओं ने रैली में भाग लिया। रविवार सुबह 7ः00 बजे रैली श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हेल्थ साइंसेज के परिसर से रवाना हुई। रैली लाल पुल, पटेल नगर, मातावाला बाग से सहारनपुर चौक से यूटर्न होकर वापिस लाल पुल होते हुए श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में सम्पन्न हुई। डॉ पंकज कुमार गर्ग ने कहा कि दुनिया भर में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, कुछ सामान्य सावधानियां रखकर व समय से उपचार करवाकर कैंसर के दुष्प्रभाव को लाइलाज होने से पहले पकड़ा जा सकता है। इसी संदेश एवम् उद्देश्य को आम जन मानस तक पहुंचाने के उद्देश्य से आज रैली का आयोजन किया गया। श्रीमती रामलक्ष्मी (प्रिंसिपल नर्सिंग कॉलेज) डॉ अजीत तिवारी और डॉ पल्लवी कौल (कैंसर सर्जन), डॉ दीप्ति (स्त्री रोग विशेषज्ञ), डॉ निशीथ गोविल (ओन्को-एनेस्थेटिस्ट), संतोष, मानवेंद्र, पूजा, मेघना ने रैली की सफलता में बहुत योगदान दिया।
डॉ पंकज गर्ग ने बताया कि कैंसर सर्वाइवर्स डे हर साल जून के पहले रविवार को मनाया जाता है ताकि हमें यह याद दिलाया जा सके कि कैंसर से मुक्त होकर मरीज एक नार्मल जीवन जी सकते हैं –  कैंसर मौत की सजा नहीं है। हमें भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक रूप से कैंसर से बचे लोगों का समर्थन करने की आवश्यकता है ताकि वे सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकें। डॉ अजीत ने आगे विस्तार से बताया कि हमें कैंसर रोगियों की ताकत और दृढ़ता की सराहना और सम्मान करने की जरूरत है. डॉ पल्लवी कौल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हम सभी को इस दिन सभी कैंसर पीड़ितों को प्यार और स्नेह की बधाई और प्रशंसा और प्रोत्साहन के शब्द भेजने चाहिए ताकि उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया जा सके।

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