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उत्तराखंड मे पढ़ाई के लिए छात्रों को आसान शर्तों पर धामी सरकार देगी लोन, जानें क्या है विद्यार्थी क्रेडिट योजना पढ़े पूरी ख़बर…

 

 

धामी सरकार गरीब जरूरतमंद और मेधावी विद्यार्थियों को माध्यमिक, प्रोफेशनल, तकनीकी शिक्षा के लिए आसान शर्तों पर लोन देगी। पश्चिम बंगाल और बिहार राज्य में संचालित इस योजना को राज्य में बेस्ट प्रैक्ट्सि के तौर पर शुरू किया जाएगा। शुक्रवार को राज्य सचिवालय में सहकारिता विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योजना को मंजूरी दी।

 

 

सरकार राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों को भी वित्तीय सहायता देगी। इस योजना को भी बेस्ट प्रैक्ट्सि के तौर पर राज्य में शुरू किया जाएगा। इन दोनों योजनाओं के बारे में विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी, जिस पर सीएम ने कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।

 

 

सचिव सहकारिता बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 90230 लाभार्थियों को 624.84 करोड़ का ब्याज रहित ऋण दिया जा चुका है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, रजिस्ट्रार सहकारिता आलोक कुमार पांडेय एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

प्रत्येक सहकारी समिति तैनात होंगे नोडल अफसर

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में कहा कि राज्य में सेब एवं कीवी के उत्पादन को मिशन मोड में लिया जाए। इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जाए। इनके उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।

 

राज्य में 670 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) की मजबूती पर विशेष ध्यान देने के साथ ही पैक्स को मजबूत बनाने के लिए प्रत्येक पैक्स के लिए नोडल अधिकारी बनाए जाएं। सीएम ने सहकारिता को प्राकृतिक कृषि से जोड़ने और राज्य में मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देकर अपने इन स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा देने को कहा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की ध्वजवाहक योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का लाभ ले सकें। सहकारिता मंत्री ने डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में 13 को-ऑपरेटिव विलेज बनाने पर भी कार्य किया जा रहा है।

ये हैं योजनाएं 

विद्यार्थी क्रेडिट योजना : पश्चिमी बंगाल में यह योजना संचालित है। इसमें गरीब व मेधावी छात्रों को पढ़ाई व प्रोफेशनल व तकनीकी शिक्षा के लिए आसान शर्तों पर 10 लाख रुपये तक ऋण दिया जा रहा है। बेस्ट प्रैक्टिस के तौर पर सरकार इसे शुरू कर रही है।

 

 

 

महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय मदद देने की योजना : बिहार में संचालित प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी हब स्थापित किया जा रहा है। सहकारिता विभाग भी बेस्ट प्रैक्टिस के तौर पर इस योजना का प्रस्ताव तैयार कर रहा है।

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By admin

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