बड़ी ख़बर विकासनगर, शंकरपुर निर्माणाधीन आईटीआई में रातों- रात बना दी मजार, CM धामी के आदेश पर आधे घंटे में हो गई ध्वस्त
पिछले एक साल में देवभूमि में धामी सरकार ने ‘अवैध मजार हटाओ अभियान’ में सैकड़ों फर्जी मजारें ध्वस्त की
शंकरपुर निर्माणाधीन सरकारी आईटीआई की जमीन पर रातों रात मजार, और फिर CM धामी के आदेश पर आधे घंटे में हो गई ध्वस्त
देवभूमि उत्तराखंड में साजिशन, सरकारी जमीन कब्जानें की नियत से अवैध मजारों का निर्माण पर धामी का बुल्डोजरसमय समय पर कारवाई करता रहता है.
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देवभूमि के धामी का संकल्प :
देवभूमि उत्तराखंड का स्वरूप नहीं बदलने दूंगा..
मुख्यमंत्री धामी के हैं सख्त अधिकारियो को निर्देश विभागों की सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे मुझे नहीं दिखने चाहिए
देहरादून जिले के विकास नगर के शंकरपुर ग्राम में बन रहे आईटीआई भवन परिसर में रातों-रात एक अवैध मजार बनाए जाने की खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुई थी।
पिछले एक साल में देवभूमि में धामी सरकार ने ‘अवैध मजार हटाओ अभियान’ में सैकड़ों फर्जी मजारें ध्वस्त की गई, इसके बावजूद खादिमों के हौंसले पस्त नहीं हुए हैं। हाल ही में शंकरपुर निर्माणाधीन सरकारी आईटीआई की जमीन पर रातों रात मजार बना दिए जाने का मामला सामने आया है। इस पर मुख्यमंत्री के आदेश पर एक्शन हुआ है।
देहरादून जिले के विकास नगर के शंकरपुर ग्राम में बन रहे आईटीआई भवन परिसर में रातों-रात एक अवैध मजार बनाए जाने की खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुई थी। मामला सीएम पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में आया। सीएम कार्यालय के अधिकारियों द्वारा आसपास के लोगों से जानकारी मिलने पर मजार के निर्माण के बारे में पुष्टि हो गई..
इस बारे में तत्काल सूचना शासन और आईटीआई के उच्च अधिकारियों को दी गई। सीएम धामी ने अपने सचिव शैलेश बगौली को इस बारे में जांच कर कार्रवाई करने को कहा। सचिव श्री बगौली ने स्किल डेवलपमेंट के सचिव विजय यादव से इस बारे में जानकारी मांगी। जानकारी के अनुसार शासन स्तर से शुरू हुई पूछताछ के बाद आधे घंटे में ही इस अवैध मजार को ध्वस्त कर दिया गया।
ऐसा जानकारी में आया है कि ये अवैध मजार यहां काम करने वाले मुस्लिम ठेकेदार द्वारा बनाई गई थी, जो कि आईटीआई की बिल्डिंग बना रहा था। फिलहाल, सचिव बगौली ने इस मामले में आईटीआई प्रशासन का जवाब तलब किया है। उल्लेखनीय है कि देवभूमि उत्तराखंड में साजिशन, सरकारी जमीन कब्जानें की नियत से बाहर से आए मुस्लिमों द्वारा अवैध मजारों का निर्माण किया जाता रहा है, जिसके खिलाफ धामी सरकार के बुल्डोजर भी समय समय पर कारवाई करते रहे हैं।