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QR कोड से चंदा लेकर जनता को गुमराह कर रहे हैं बॉबी पंवार?
गीताराम ने उठाए सवाल
मा० मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी दैवीय आपदा के संकट की घड़ी में अपनी संवेदनशील नेतृत्व क्षमता के दम पर आपदा पीड़ितों के आँसू पोछकर उनके घावों को भरने का नेक नियत से काम कर रहे हैं। इसलिए कांग्रेस एवं अन्य विपक्ष के झूठे आरोपों व फर्जी नैरेटिव को देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता ने नकारा है।
हमारे उत्तराखण्ड राज्य में जैसी दैवीय आपदा हर वर्ष बाढ़, भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं से जूझता है। ऐसे समय में मा० मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी लगातार मोर्चे पर डटकर न केवल राहत और पुनर्वास कार्यों का नेतृत्व कर रहे हैं बल्कि राज्य की जनता के बीच विश्वास और संवेदना का संचार भी कर रहे हैं।
धराली चमोली, रूद्रप्रयाग, थराली, उत्तरकाशी, स्यानाचट्टी, और धारचूला जैसी हालिया आपदाओं में मुख्यमंत्री ने सेना, आई०टी०बी०पी, एन०डी०आर०एफ, एस०डी०आर०एफ और बी०आर०ओ को साथ लेकर युद्धस्तरीय राहत अभियान चलवाया। लड़ाकू विमान चिनूक व एम०आई-17 हेलीकॉप्टरों से मशीनरी और राहत सामग्री पहुँचाई गई, अस्थायी पुल और राहत शिविर बनाए गए, डॉक्टरों और विशेषज्ञों के दल तैनात किए गए। प्रभावित परिवारों को तुरंत 05 लाख तक की सहायता और पुनर्वास योजनाओं की राहत प्रदान की गईं।
जहाँ एक ओर सरकार आपदा पीड़ितों को संबल देने में दिन-रात जुटी है, वहीं दूसरी ओर कुछ राजनीति के लोभ में अंतिम हत्वकाशी असामाजिक तत्व फर्जी नैरेटिव और सोशल मीडिया प्रोपेगेंडा के सहारे जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। यह राजनीति नहीं, बल्कि आपदा पीड़ितों के दर्द पर इनकी कुटिल साजिश है।
सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के निजी स्टाफ और सरकार के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं।
भर्ती परीक्षाओं के नाम पर युवाओं को भड़काने के लिए फर्जी स्क्रिप्ट तैयार की जा रही हैं।
दिल्ली के केजरीवाल स्टाईल में टूलकिट राजनीति को उत्तराखण्ड की धरती पर उतारकर सरकार को
बदनाम करने की कोशिश हो रही है।
यह सब उन लोगों की राजनीति है, जिनके पास न कोई ठोस तथ्य हैं और न ही जनता के लिए कोई सकारात्मक एजेंडा। आज उत्तराखण्ड की राजनीति में विपक्ष द्वारा गढ़ा गया नकारात्मक राजनीति Narrative जनता के बीच भय और भ्रम फैलाने का प्रयास है, जिसमें तथ्यों के स्थान पर अफवाहों और झूठी कहानियों का सहारा लिया जा रहा है। यह एक तरह की घटिया राजनीति है, जहाँ आपदा और संकट की घड़ी को भी राजनीतिक सौदेबाजी और दबाव बनाने का औजार बनाया जा रहा है। ऐसे तत्व आपदा पीड़ितों की पीड़ा पर गिद्ध की तरह मंडराते हुए नैतिक पतन Campain चलाते हैं और सोशल मीडिया पर झूठे प्रचार से सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास करते हैं। यह पूरा नेटवर्क किसी माफिया की तरह काम करता है संगठित, सुनियोजित और अवसरवादी जिसका मकसद जनता के विश्वास को तोड़कर अपने राजनीतिक स्वार्थ साधना है। इसी कड़ी में तथाकथित नेता, जिन्हें जनता पहले से ही उत्तराखण्ड का केजरीवाल फर्जीवाल कहकर पहचान चुकी है. अपनी सियासत चमकाने के लिए झूठ और भ्रम की राजनीति कर रहे हैं। ये उसी समूह के मुख्या है जो नैरेटिव गढ़ने, अफवाह फैलाने और राजनीतिक रैन्सम पॉलिटिक्स करने में ही माहिर है, जबकि जनता के असली मुद्दों और आपदा पीड़ितों के दुख-दर्द से इनका कोई सरोकार नहीं है।
आज उत्तराखण्ड की राजनीति में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह न तो जनता की भलाई चाहता है, न ही विकास का कोई दृष्टिकोण रखता है। इनका पूरा खेल केवल डर फैलाना, झूठा नैरेटिव गढ़ना, जनता की उम्मीदों को बंधक बनाना और राजनीतिक गिद्ध की तरह अवसर पर झपटना है।
ये वही कलनेमी दैत्य हैं जो अब BP Bakasur Pishach का रूप बदलकर सामने आए हैं ऊपर से समाज के हितैषी दिखते हैं, लेकिन भीतर से भेड़ की खाल में भेड़िये हैं। इनकी राजनीति नकारात्मकता, झूठे आख्यान और ब्लैकमेल की रणनीति पर चलती है। जनता के दुख-दर्द से इनका कोई सरोकार नहीं, बल्कि ये सच्चे कार्यकर्ताओं और सरकार की राह में कांटे बिछाने का काम करते हैं।
इसके विपरीत, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर संकट और हर आपदा की घड़ी में जनता के साथ खड़े होकर यह दिखा दिया है कि असली नेतृत्व कैसा होता है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हर संकट की घड़ी में दृढ़ और संवेदनशील नेतृत्व का परिचय दिया है। चाहे प्राकृतिक आपदाएँ हों, सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ या बाहरी खतरे-उन्होंने हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर राहत, पुनर्वास और सुरक्षा का कार्य किया है। पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया, युवाओं को अवसर, कठोर माफिया विरोधी कानून और जनता के लिए ठोस योजनाएँ-इन सबने जनविश्वास को और मजबूत किया है।
युवाओं के लिए ठोस कदम, विपक्ष का फर्जी प्रोपेगेंडा
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 25000 से अधिक रिक्त पदों पर विभिन्न विभागों में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित की।
लोक सेवा आयोग को हर वर्ष का कैलेंडर जारी करने के निर्देश दिए गए ताकि प्रतियोगी छात्रों की तैयारी व्यवस्थित हो।
नकल विरोधी अधिनियम लाकर पेपर माफिया और भ्रष्ट तंत्र पर कड़ा प्रहार किया गया।
इसके विपरीत, विपक्ष युवाओं को फर्जी पेपर लीक और कथित भर्ती घोटालों की अफवाहों से गुमराह करने की साजिश रच रहा है।
* एक ओर है कांग्रेस एवं अन्य विपक्ष का यह गिरोह, जो केवल अराजकता और स्वार्थ की राजनीति करता है।
* दूसरी ओर हैं मुख्यमंत्री धामी, जो उत्तराखण्ड की सुरक्षा, समृद्धि और स्वाभिमान की गारंटी हैं।
मुख्यमंत्री श्री धामी का स्पष्ट संदेश है ‘उत्तराखण्ड की जनता को राहत और सुरक्षा पहुँचाना हमारी पहली
प्राथमिकता है। आपदा हो या कोई संकट, सरकार पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से जनता के साथ खड़ी है। फर्जी नैरेटिव फैलाने वाले चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, उत्तराखण्ड की जनता सच्चाई जानती है और ऐसे षड्यंत्रों को बार-बार नकार चुकी है।”
आज उत्तराखण्ड की जनता देख रही है कि एक ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संवेदनशील नेतृत्व के साथ आपदा राहत, पुनर्वास और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष फेक नैरेटिव, की पॉलिटिक्स, और नैतिक पतन के कैम्पेन के जरिये भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन सच्चाई यही है कि मुख्यमंत्री धामी का नेतृत्व संकट में ढाल बनकर खड़ा है और उत्तराखण्ड का हर नागरिक उनके साथ है।
उत्तराखण्ड की जनता यह भलीभांति जानती है कि उत्तराखण्ड के केजरीवाल (बॉबी पंवार) जैसे तत्व न तो राज्य के विकास में सहभागी हो सकते हैं और न ही जनता के दुख-दर्द में काम आ सकते हैं। ये केवल अफवाह, डर और भ्रम का कारोबार करते हैं। इसलिए जनता का संदेश स्पष्ट है-उत्तराखण्ड को आगे बढ़ाने वाला नेतृत्व वही है जो सेवा और समर्पण से काम करे।
स्वाभिमान मोर्चा बॉबी पंवार से कुछ प्रश्न खड़े कर रहा हूँ :-
प्रश्न नं0 1 वर्ष 2021 में वी.डी.ओ., वी.पी.डी.ओ. एवं वन दरौगा की भर्ती परीक्षा हुई थी जिसमें लगभग 850 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ था। इस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने की खबरें चली थी। जिस पर एस.टी. एफ. द्वारा जांच की गई जांच में चयन छात्र छात्राओं में से 100 से 150 छात्र-छात्राओं को नकल माफियाओं के सम्पर्क में होने के कारण इनको लीक पेपर मिला था। जिनके नाम एस.टी.एफ द्वारा चिन्हित कर सार्वजनिक भी किये थे। शेष लगभग 700 छात्र छात्राओं की भर्ती वैध मानी गई थी। लेकिन उस समय नकल माफियाओं के विरूध पेपर लीक कराने को लेकर मुहिम तेज हो गई थी जिसमें दो गुट बन गये थे एक गुट उन डेढ लाख बच्चों का था जो परीक्षा परिणाम में उत्तीर्ण नही हो पाये थे। जिनकी डिमान्ड थी कि उपरोक्त भर्ती परीक्षा रद्द करते हुऐ पुनः भर्ती परीक्षा करायी जाये और एक अन्य गुट उपरोक्त लगभग 700 बच्चों का था जो अपनी भर्ती प्रक्रिया को वैध मानते हुऐ। अपनी नियुक्ति दिलाई जाने को लेकर आंदोलनरत थे। अपनी भर्ती परीक्षा को वैध मानते हुऐ नियुक्ति दिलाई जाने को लेकर श्री सुनिल जी उत्तरकाशी, श्री प्रवीन असवाल एक्स आर्मी, श्री सुशान्त ममगई रूद्रप्रयाग, श्री महेशानन्द चमोली, श्री ऐ०के० चौहान, हरिद्वार, श्री योगेश, सुभाष, श्री गोतम निवासी जसपुर, से आपने इनकी मदद करने के ऐवज में ऐसी क्या मांग की थी। जो ये आपसे नाराज होकर आपके विरूद्ध प्रेस वार्ता की थी। क्या आप इनसे आगे सरकार के विरूद्ध कैम्पेन चलाने के नाम पर कुछ पैसों की मांग की थी। उस दौरान भी आन्दोलन को आगे बढ़ाने के लिए एक क्यू आर कोड जारी किया था जिसमें आपने आर्थिक सहयोग की मांग की थी। अगर आप में हिम्मत है क्यू आर कोड में मिली धनराशि की एक सूची तैयार कर उन सबके नामों का खुलासा कर सार्वजनिक करेंगें जिन्होने आपको चन्दा दिया था।
प्रश्न नं0 2: वर्ष 2016 में कनिष्ठ अभियन्ता भर्ती परीक्षा मे भी नकल माफियाओं द्वारा पेपर लीक किया गया था। ऐसी खबरें सार्वजनिक हुई थी। लेकिन आपने उपरोक्त परीक्षा की जांच क्यों नही करवाई, न ही इसके लिए कोई आन्दोलन किया। क्या कनिष्ठ अभियन्ता भर्ती परीक्षा 2016 में आपके रिश्तेदार या आपके घनिष्ठ मित्र के परिजनों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आपने इसमें चुप्पी साध ली। क्या आप इसकी पुनः जांच करवाने के मांग करोगे।
प्रश्न नं0 3: यह कि वर्ष 2024 में आपने टिहरी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उस समय भी आपने चन्दा मांगने के उद्देश्य से एक क्यू आर० कोड जारी किया था। उसमें आपको किस-किस ने चन्दा दिया था। क्या आपमें उसकी सूची सार्वजनिक करने की हिम्मत है। इसी प्रकार दिनांक 04 दिसम्बर 2021 की सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आपकी एक वाट्सऐप चैट तैर रही है। जिसमें आप अपने किसी साथी से फेक ऐविडेन्स बनाने को कह रहे है। और भर्ती प्रकिया को रद्द करने बात कर रहें हैं। और सरकार को बदनाम करने की नियत से बात कर रहे है। आपकी वह वाट्सऐप चैट यू.के.एस.एस.सी के पास भी है। क्या आप इसकी भी निषपक्ष जांच कराने की कर सकते हो।
सादर सहित धन्यवाद ।
भवदीय
गीताराम गौड़
उपाध्यक्ष
उत्तराखण्ड जनजाति सलाहकार परिषद