मंत्रालय बंटे अब नौकरशाही में होगा फेरबदल: शासन स्तर पर होमवर्क शुरू, सीएम और मंत्रियों की परिक्रमा करने लगे अधिकारी
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री बदलाव की शुरुआत शासन स्तर से करेंगे। इसका होमवर्क शुरू हो गया है। कतिपय अधिकारियों ने भी तैनाती के लिए मुख्यमंत्री और मंत्रियों की परिक्रमा शुरू कर दी है। पहले आईएएस अफसरों, प्रांतीय सेवा के अधिकारियों में बदलाव होगा और उसके बाद भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के भी तबादले हो सकते हैं
कतिपय अधिकारियों ने तैनाती के लिए मुख्यमंत्री और मंत्रियों की परिक्रमा शुरू कर दी है। पहले आईएएस अफसरों, प्रांतीय सेवा के अधिकारियों में बदलाव होगा और उसके बाद भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के भी तबादले हो सकते हैं।
अपने मंत्रियों को मंत्रालय बांटने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब आने वाले कुछ दिनों में नौकरशाही फेरबदल की कवायद को अंजाम देंगे। नई सरकार के गठन के बाद से मुख्यमंत्री सचिवालय से लेकर शासन स्तर पर नौकरशाहों को बदलने की चर्चाएं हैं। पुलिस विभाग में भी बदलाव दिखाई दे सकता है।
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री बदलाव की शुरुआत शासन स्तर से करेंगे। इसका होमवर्क शुरू हो गया है। कतिपय अधिकारियों ने भी तैनाती के लिए मुख्यमंत्री और मंत्रियों की परिक्रमा शुरू कर दी है। पहले आईएएस अफसरों, प्रांतीय सेवा के अधिकारियों में बदलाव होगा और उसके बाद भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के भी तबादले हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री भी नए अवतार दिखेंगे
अपने पहले कार्यकाल में रक्षात्मक दिखाई देने वाले मुख्यमंत्री धामी अब इस बार नए अवतार में दिखेंगे। सूत्र बता रहे हैं कि उनकी दूसरी पारी ज्यादा आक्रामक होने जा रही है। वे अफसरों की ऐसी टीम तैयार कर रहे हैं जो परिणाम दे सके। अपनी पुरानी टीम से कुछ अफसरों को वे छांट सकते हैं। हालांकि पुरानी टीम के सभी अफसर-कारिंदे उनकी सेवा में जुट गए हैं।
हाकिमों और कप्तानों की भी आएगी बारी
तबादलों की बारी जिलों के हाकिमों और कप्तानों की भी आएगी। लेकिन उससे पहले सचिवालय में तैनात कुछ अफसरों के विभागों में बदलाव मुमकिन है। इसके बाद विभागों में भी बदलाव दिख सकता है। फिर फील्ड स्तर पर भी परिवर्तन होगा।
अफसरों और कारिंदों की जवाबदेही तय होगी
ऐसे संकेत हैं कि मुख्यमंत्री अफसरों और कारिंदों की जवाबदेही तय करेंगे। एक निश्चित अवधि में अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा होगी और जो परिणाम नहीं दे सकेंगे, उनकी जगह दूसरे अफसरों को मौका दिया जाएगा।