पौड़ी गढ़वाल :पहाड़ में ही हुवा
73 साल की महिला के कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण इस बड़ी सर्जरी के लिए देहरादून आने की नही पड़ी जरूरत : थैंक्यू श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल( पीपीपी मोड़ पर दे रहा है सेवाएं )
जिला अस्पताल पौड़ी में वृद्ध महिला के कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण
कूल्हा प्रत्यारोपण सर्जरी का जिला अस्पताल में पहला मामला
लोकप्रिय श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल पीपीपी मोड में जिला अस्पताल दे रहा है सेवाएं
देहरादून
आपको बता दे कि जिला अस्पताल पौड़ी में 73 साल वृद्ध महिला के कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण किया गया है।
जिला अस्पताल, पौड़ी में कूल्हा प्रत्यारोपण का यह पहला मामला है।
ओर अब तक मरीजों को इस प्रकार की बड़ी सर्जरी व उपचार के लिए श्रीनगर, देहरादून या अन्य बड़े शहरों के अस्पतालों में जाना पड़ता था।
सर्जरी के बाद महिला का स्वास्थ्य बेहतर है, डाॅक्टर 4-5 दिनों में महिला को डिस्चार्ज कर देंगे।
यह जानकारी जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ प्रशांत जैन ने दी।
श्रीमती सोनी देवी उम्र 73 साल निवासी पौड़ी गढ़वाल को दुर्घटना में चोट लगने के कारण कूल्हे की हड्डी टूट गई थी।
परिजन उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल पौड़ी लेकर आए।
काबिलेगौर है कि जिला अस्पताल को पीपीपी (पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप, लोक जन सहभागिता कार्यक्रम) मोड पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, देहरादून द्वारा संचालित किया जा रहा है।
अस्पताल के डाॅक्टरों ने मरीज़ के परिजनों को कूल्हा प्रत्यारोपण की सलाह दी।
डाॅ दीपांकर मिश्रा व उनकी टीम ने 28 अगस्त 2021 को श्रीमती सोनी का सफलतापूर्वक कुल्हा प्रत्यारोपित किया।
4 घण्टे तक चली जटिल सर्जरी में महिला का कूल्हा प्रत्यारोपित किया गया।
जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ प्रशांत जैन ने जानकारी दी कि पीपीपी मोड पर संचालन के बाद से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डाॅक्टरों की टीम जिला अस्पताल पौड़ी में बेहतर से बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आपरेशन करने वाली टीम में शामिल सभी डाॅक्टरों व सहायक स्टाफ को शुभकामनाएं दीं। कूल्हा प्रत्यारोपण का यह मामला अस्पताल के डाॅक्टरों के अथक प्रयास को दर्शाता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डाॅक्टरों व स्टाफ की टीम पौडी जिलावासियों को हर सम्भव उपचार व सेवाएं उपलब्ध करवाएंगी। ऑपरेशन
को सफल बनाने में डाॅ शशांक रमोला, डाॅ भाविका, नर्सिंग स्टाफ सूरज रावत, आजाद का विशेष सहयोग रहा।