केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की राह होगी आसान, हाई पॉवर कमेटी ने सड़क चौड़ीकरण योजना को दी हरी झंडी

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केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की राह होगी आसान, हाई पॉवर कमेटी ने सड़क चौड़ीकरण योजना को दी हरी झंडी


केदारनाथ और यमुनोत्री धाम पहुंचने की राह और आसान होगी। केदारनाथ धाम मार्ग के अगस्त्यमुनि से फाटा तक और यमुनोत्री मार्ग पर पालीगाड से जानकीचट्टी मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की हाई पॉवर कमेटी ने अनुमति प्रदान कर दी है

 

केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की राह होगी आसान इस जगह पर मार्ग की चौड़ाई सात मीटर तक बढ़ सकेगी। इसके अलावा पटरी भी बनेगी। इससे करीब चौड़ाई 10 मीटर तक हो सकेगी

 

केदारनाथ धाम में अगस्त्यमुनि से फाटा कुंड बाइपास तक 13 किमी सड़क सिंगल लेन है, इसके कारण कई बार वाहनों का आवागमन प्रभावित होता रहा है। इसी तरह यमुनोत्री धाम मार्ग पर करीब 23 किमी पालीगाड से जानकी चट्टी तक का मार्ग भी सिंगल लेन है। अब इन दोनों मार्गों को चौड़ा करने की राह आसान हो गई है।
केदारनाथ और यमुनोत्री धाम पहुंचने की राह और आसान होगी। केदारनाथ धाम मार्ग के अगस्त्यमुनि से फाटा तक और यमुनोत्री मार्ग पर पालीगाड से जानकीचट्टी मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की हाई पॉवर कमेटी ने अनुमति प्रदान कर दी है.

वर्तमान में दोनों स्थानों पर मार्ग सिंगल लेन है जो डबल लेन हो सकेगा। जिससे यातायात और सुगम हो सकेगा चारधाम यात्रा मार्ग को बीते सालों में बेहतर किया गया है। लेकिन केदारनाथ धाम में अगस्त्यमुनि से फाटा कुंड बाइपास तक 13 किमी सड़क सिंगल लेन है, इसके कारण कई बार वाहनों का आवागमन प्रभावित होता रहा है।

इसी तरह यमुनोत्री धाम मार्ग पर करीब 23 किमी पालीगाड से जानकी चट्टी तक का मार्ग भी सिंगल लेन है। अब इन दोनों मार्गों को चौड़ा करने की राह आसान हो गई है। एनएच के अधिकारियों के अनुसार पहाड़ के कटान पर करीब पांच साल पहले रोक लग गई थी। तब से मामला रुका हुआ था। अब हाई पॉवर कमेटी ने मार्ग को चौड़ा करने की अनुमति दे दी है।

सात मीटर बढ़ेगी सड़क की चौड़ाई

एनएच के अधिकारियों के अनुसार मार्ग की चौड़ाई सात मीटर तक बढ़ सकेगी। इसके अलावा पटरी भी बनेगी। इससे करीब चौड़ाई 10 मीटर तक हो सकेगी।
वही आपको बता दे कि केदारनाथ धाम आने वाले यात्री अपने वाहनों से सोनप्रयाग तक पहुंचते हैं, इसके बाद गौरीकुंड के लिए शटल सेवा संचालित होती है। सोनप्रयाग में वाहनों के दबाव से निपटने के लिए बाइपास की योजना बनाई गई थी, पर वह आगे नहीं बढ़ सकी। एनएच के अधिकारियों के अनुसार जो मौजूदा मार्ग था, उसकी क्षमता वृद्धि की गई थी। अब नदी के दोनों तरफ से करीब तीन किमी लंबाई का एक रिंग रोड बनाने की योजना है, जिससे वाहनों का आवागम को बेहतर किया जा सके। इस काम के लिए पुल निर्माण भी होगा।

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