गढ़वाली गीत, नृत्य और कविताओं ने एसजीआरआरयू के कार्यक्रम में सांस्कृतिक वातावरण रचकर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गढ़वाली गीत, नृत्य और कविताओं ने एसजीआरआरयू के कार्यक्रम में सांस्कृतिक वातावरण रचकर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपणि भाषा, अपणि शान एसजीआरआरयू में गढ़वाली संस्कृति को मिला नया…
