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मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ में अपनी पूज्य माताजी को स्नान कराना अपने जीवन का अमूल्य एवं भावुक क्षण बताया    

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मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ में अपनी पूज्य माताजी को स्नान कराना अपने जीवन का अमूल्य एवं भावुक क्षण बताया

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को महाकुंभ 2025 के पुण्य अवसर पर पावन दिव्य त्रिवेणी संगम पर सपरिवार स्नान किया। उन्होंने पतित पावनी मां गंगा,यमुना और सरस्वती के पूजन के साथ सभी देवों का आह्वाहन कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि तथा प्रदेश की उन्नति के लिए प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ शताब्दियों से अपनी अक्षुणता बनाये रखते हुए सनातन धर्म की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता के माध्यम से करोड़ों लोगों को धर्म एवं संस्कृति से जोड़ता रहा है। महाकुंभ का पर्व केवल आध्यात्मिक चेतना का ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और विश्व बंधुत्व का प्रतीक है। विश्व का यह महान पर्व सदियों से मानवता, समरसता तथा नैतिक मूल्यों की प्रेरणा देकर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ में अपनी पूज्य माताजी को स्नान कराना अपने जीवन का अमूल्य एवं भावुक क्षण बताते हुए कहा कि वेदों, शास्त्रों और पुराणों में उल्लिखित है कि कोई भी जीव अपनी माता के ऋण से उऋण नहीं हो सकता। माता से ही हमारा अस्तित्व जुड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिव्य अवसर पर उन्हें यह भी अनुभूति हुई है कि मां केवल जन्मदात्री ही नहीं बल्कि सजीव तीर्थ के समान है। उनकी सेवा और सम्मान से जीवन में सभी पुण्य फलीभूत होते हैं। उन्होंने कहा कि यह भावपूर्ण क्षण उनके लिए सनातन संस्कृति परंपरा और मातृ भक्ति का सजीव स्वरूप प्रस्तुत करने वाला है।

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By admin

विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान कहा कि यह संशोधन भू सुधारों में अंत नहीं अपितु एक शुरुआत  
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट का आकार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह दर्शाता है कि राज्य आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है और विकास के नए आयाम गढ़ रहा है  
राज्य सरकार का यह फैसला शहीदों के परिवारों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और सम्मान को दर्शाता है।इस निर्णय से न केवल परिवारों को आर्थिक संबल मिलेगा, बल्कि उन्हें समाज में एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्राप्त होगा  

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