बद्री गाय उत्तराखंड की पहली पंजीकृत मवेशी नस्ल है, जिसे राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBAGR) द्वारा प्रमाणित किया गया है
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट
धामी सरकार ने 2025 तक मिलेट उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है
उत्तराखंड में भारतमाला परियोजना के तहत 5 योजनाएं चल रही हैं, जिसमें 650 किलोमीटर की 5 सीमावर्ती और सामरिक दृष्टि की सड़कें शामिल हैं
उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के बड़े शहरों में ट्रैफिक के लोड को कम करने और देहरादून से हरिद्वार और ऋषिकेश को जोड़ने के लिए अत्याधुनिक रैपिड ट्रांजिक सिस्टम का निर्माण करने जा रहा है
सोलर एनर्जी उत्तराखंड, सूर्यघर योजना
उत्तराखंड में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। नई सौर ऊर्जा नीति के तहत उरेडा द्वारा चिन्हित 1000 गांवों को सोलर ग्राम बनाया जा रहा है। राज्य सरकार का वर्ष 2025 तक 2000 मेगावाट और 2027 तक 4000 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा प्लांटो के जरिए उत्पादित करने का लक्ष्य है। सोलर प्रोजेक्ट
लगाने के लिए सरकार 70 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है।
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इन्फ्रास्टक्चर
जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना का मिली निवेश की स्वीकृति। नैनीताल व ऊधमसिंहनगर के तराई क्षेत्र लाभान्वित होंगे।
300 मेगावाट की लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के लिये निविदा आमंत्रित । 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना का निर्माण पूर्ण कर उत्पादन प्रारम्भ किया जा चुका है।
सौंग बांध परियोजना से देहरादून में वर्ष 2053 तक अनुमानित आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति उपलब्ध हो सकेगी।
चीला पॉवर हाऊस 144 मेगावाट की योजना (306 करोड़ रूपये की लागत) का रेनोवेशन कार्य.
जिला रूद्रप्रयाग में 113.71 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 4.5 मेगावाट की कालीगंगा-द्वितीय लघु जल विद्युत परियोजना।
नैनीताल जिले में बंद पड़ी एचएमटी फैक्ट्री की 45.33 एकड़ जमीन उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित कर दी गई है। राज्य में 30 नई नीतियां
प्रख्यापित की गई हैं।
बद्रीगाय से उत्पादन का योगदान
बद्री गाय उत्तराखंड की पहली पंजीकृत मवेशी नस्ल है, जिसे राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBAGR) द्वारा प्रमाणित किया गया है। साल 2019 की गणना के अनुसार उत्तराखंड में बद्री गाय की संख्या करीब 988,000 थी। बद्री गायों की संख्या में अधिक वृद्धि हो, इसके लिए सरकार कई तरह की योजनाएं भी चला रही है।
श्री अन्न योजना
सरकार ने मिलेट्स के तहत मंडुवे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 35.78 रूपये तय किया है और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को भी वितरित किया जा रहा है। 2025 तक मिलेट उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अंत्योदय परिवारों को दिया जा रहा एक किलो मंडुआ एवं मध्यान्ह भोजन योजना में झंगोरा और मंडुआ भी दिया जा रहा है।
मेट्रोरेल
उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के बड़े शहरों में ट्रैफिक के लोड को कम करने और देहरादून से हरिद्वार और ऋषिकेश को जोड़ने के लिए अत्याधुनिक रैपिड ट्रांजिक सिस्टम का निर्माण करने जा रहा है। इसके लिए उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UKMRC) ने योजना तैयार कर ली है। पहले चरण में, ड्रोन टेक्नोलॉजी और एनालिटिक्स कंपनी आईजी ड्रोन को देहरादून शहर के भीतर प्रस्तावित पर्सनलाइज्ड रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर (PRT) के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए टोपोग्राफिकल सर्वे करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है।
भारत माला प्रोजेक्ट
वर्तमान में उत्तराखंड में भारतमाला परियोजना के तहत 5 योजनाएं चल रही हैं, जिसमें 650 किलोमीटर की 5 सीमावर्ती और सामरिक दृष्टि की सड़कें शामिल हैं। इन सड़कों में भैरव घाटी-नीलम नागा सोनम सड़क, जोशीमठ-मलारी सड़क, माणा से माणा पास सड़क, कर्णप्रयाग से सिमली ग्वालदम की सड़क और अस्कोट से लिपुलेख तक सड़क शामिल है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
अब तक केन्द्र सरकार से उत्तराखंड को 47,654 आवास का अप्रूवल मिल चुका है, जिसमें से 27,923 घरों का निर्माण कार्य पूरा करवाकर उन्हें लाभार्थियों को दे दिया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत लेटेस्ट रैंकिंग में उत्तराखंड परफॉर्मेंस इंडेक्स में नेशनल रैंकिंग में दूसरे पायदान पर आ गया है।
निःशुल्क राशन
उत्तराखंड के अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा गारंटी राशन कार्ड वाले करीब 61.94 लाख पात्रों को सरकार रियायती मूल्य पर तीन किलो गेंहू दो किलो चावल व एक किलो मंडवा प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य की मासिक खपत 1.80 लाख कुंतल गेंहू, 1.20 लाख कुंतल चावल की है।
अन्य महत्वपूर्ण कार्य
पर्यावरण मित्रों का एक दिन का मानदेय बढ़ाकर 500 रूपये किया। जबकि पहले उन्हें 300 रुपए प्रतिदिन मिलता था।
प्रधानमंत्री निःशुल्क अन्न योजना के तहत देवभूमि के 50 लाख से अधिक परिवारों को मिल रहा खाद्यान्न।
कोरोना महामारी और अन्य दुर्घटना में मृत माता-पिता के बच्चों के पालन पोषण के लिए किया जा रहा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का सफल संचालन । 51. जल जीवन मिशन के अंतर्गत “हर घर नल से जल” में एक रूपये मात्र में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। इसमें राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के 7 लाख से अधिक परिवारों को पानी के कनेक्शन दिये जा चुके हैं।
. ऑलवेदर रोड के तहत दुर्गम क्षेत्रों की सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता के लिये एक विशेष कोष गठित किया जाएगा।
पिटकुल द्वारा हरिद्वार जनपद के पदार्था में 84 करोड़ रूपये की लागत से 132 के.वी. के आधुनिक तकनीक के बिजली घर एवं इससे संबंधित लाइन का निर्माण।
राज्य की सभी ग्राम पंचायतों को ऑप्टीकल फाईबर से जोड़ने की योजना पर कार्य गतिमान…
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट.
आपातकाल में जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को भी अब पेंशन मिलेगी। लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी या पति को भी 20,000 प्रतिमाह की पेंशन राशि।
. प्रदेश में गंगा के किनारे 5 कि0मी0 के कोरिडोर में प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित करने हेतु “नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कोरिडोर योजना” बनाने हेतु कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
आवास विकास विभाग के तहत मिनिस्ट्रियल संवर्ग की कोई नियमावली नहीं थी जिसे मंजूरी दी गई है। वित्त सेवा के तहत प्रमोशन होने के बाद भी अब ट्रेनिंग होगी। पहले प्रमोशन के बाद ट्रेनिंग की व्यवस्था नहीं थी।
वित्त विभाग के तहत कर्मचारियों को पहले बैंक से एक्सीडेंट पर बीमा नहीं मिलता था, लेकिन अब बैंकों ने बीमा की कर्मचारियों को सुविधा दी है।
. बैंक अब 38 लाख से 1 करोड़ तक बीमा देंगे। एसबीआई, कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक में जिन कर्मचारियों के खाते होंगे उन्हें बीमा का लाभ मिलेगा।
पर्यटन नीति के तहत जिलों को श्रेणी में बांटा गया था, लेकिन अब 10 साल के लिए श्रेणी में बदलाव किया गया है। 10 साल के लिए एसडीएसी होगा।
. खाद्य वितरण प्रणाली के तहत 13 पदों को भरने को मंजूरी मिली।
चिकित्सा सेवा नियमावली में बदलाव किया गया है।
चिकित्सा बोर्ड में 3 पदों को भरने के लिए नियमावली में बदलाव किया गया है।
महासू देवता मास्टर प्लान के तहत विस्थापितों के लिए पुनर्वास नीति को मंजूरी मिल गई है। इसके तहत 16 परिवारों को विस्थापित किया जाएगा।