केदार घाटी में मौसम साफ होने के बाद श्री केदारनाथ धाम यात्रा ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है
केदार घाटी में मौसम साफ होने के बाद श्री केदारनाथ धाम यात्रा ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है। जहां पिछले दिनों बरसात कम होने के बाद चार से पांच हजार यात्री ही बाबा केदार के दर्शनों को पहुंच रहे थे अब पिछले दो दिनों से लगातार 11 हजार से अधिक यात्री प्रतिदिन दर्शनों को पहुंच रहे हैं। मंगलवार शाम को दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 11 लाख 83 हजार 370 पहुंच गई है।
मानसून सीजन समाप्ति की ओर है, पिछले एक सप्ताह से मौसम साफ होने के साथ ही श्री केदारनाथ धाम यात्रा ने भी तेज गति पकड़ ली है। बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में बाबाu केदारनाथ के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। पिछले वर्ष करीब 19 लाख लोगों अकेले बाबा केदार के दर्शन किए थे जबकि चारधाम यात्रा करने वालों की कुल संख्या 56 लाख के करीब थी। इस वर्ष 31 जुलाई को केदार घाटी में हुई अतिवृष्टि के कारण कई स्थानों पर सड़क एवं पैदल मार्ग बाधित हो गया था। जिसके चलते कारीब यात्रा प्रभावित रही।
हालांकि यात्रा मार्ग सुचारू करने एवं स्थानीय लोगों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन एवं नेतृत्व में युद्ध स्तर पर राज्य एवं जिला प्रशासन की मशीनरी ने 15 दिनों में ही पैदल यात्रा मार्ग पर आवाजाही शुरू कर दी थी, जबकि एक महीने में यात्रा पटरी पर लौट आई थी। मुख्यमंत्री धामी के निर्देशन में गढ़वाल कमिश्नर, आपदा सचिव सहित संबधित सभी विभाग यात्रा सुचारू करने को प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे थे। भारी बारिश के बावजूद जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के प्रयासों से रिकॉर्ड समय में सभी यात्रियों को रेस्क्यू करने के साथ ही यात्रा दोबारा सुचारू कर दी गई है।
यात्रा मार्ग एवं व्यापार समय पर शुरू करवाने के लिए केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का धन्यवाद देते हुए कहा कि धामी जी द्वारा यात्रा का दूसरा चरण शुरू करने एवं व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी को निशुल्क हेली सेवा देकर केदारनाथ पहुंचाने का प्रयास बेहद सराहनीय था। इससे समय पर यात्रा शुरू होने के साथ यात्रियों को उचित सुविधाएं भी मिल सकी। यात्रा बढ़ने से केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर होटल, डंडी-कंडी, घोड़े-खच्चर सहित अन्य रूप में सेवाएं देने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ गई है एवं व्यापार में भी इजाफा होने लगा है।