• Wed. Mar 19th, 2025
Share this

पिथौरागढ़ जिले की 80 वर्षीय बुजुर्ग श्रीमती मोहिनी देवी के लिए जीवनदायिनी बनी आयुष्मान

 

 

 

 

*- पहले आयुष्मान कार्ड न होने की स्थिति में उपचार पर ₹4.50 लाख हुए खर्च, जबसे बना आयुष्मान कार्ड मुफ्त में हो रहा उपचार*

 

*- गदगद भाव से लाभार्थी के परिजन ने प्रदेश की जनता से की आयुष्मान कार्ड बनाने की अपील*

 

*- पिथोरागढ़ के मनोज ने माताजी के नि:शुल्क उपचार के दौरान सुनाई आपबीती*

 

देहरादूनः ‘आप सजग हैं और आपको जानकारी है तो आपकी परेशानी का हल आसान हो जाता है। फील्ड चाहे कोई भी हो, आपको कोई हरा नहीं सकता। लेकिन अगर आप सजग नहीं हैं तो दिक्कत है’। यह बात पिथोरागढ़ निवासी मनोज पांडे के मामले में भी चरितार्थ होती है। वह बताते हैं कि पहले उन्हें आयुष्मान योजना के बारे में जानकारी नहीं थी, या उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो उन्होंने अपनी माता जी के उपचार पर 4.50 लाख के करीब खर्च कर दिए। यानी अगर उन्हें जानकारी होती या वह योजना के बारे में ठीक से जानने की कोशिश करते तो उनका यह खर्चा बच जाता।

 

हालांकि अब वह पूरी तरह से जागरूक हैं, जब उन्होंने आयुष्मान कार्ड बनाया तो अब वह मुफ्त उपचार योजना का लाभ लेते हुए माताजी का उपचार करा रहे हैं। साथ ही लोगों को भी आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मनोज बताते हैं कि उनकी माताजी श्रीमती मोहनी देवी जिनकी उम्र 80 वर्ष है, गत वर्ष उन्हें पैरालाइज की दिक्कत हो गई थी। तब उन्हें आयुष्मान योजना के बारे में पता तो था लेकिन आयुष्मान कार्ड नहीं बनाया था। मुफ्त उपचार की योजना होने के बावजूद उन्होंने अपने खर्च पर उपचार कराया। और करीब 4.50 लाख रूपए तक इलाज पर लग गए।

 

आए दिन बढ़ रहे खर्च की परेशानी के बाद जब उन्होंने योजना के बारे में जाना, समझा और आयुष्मान कार्ड बनवाया तो अब उनकी माता जी का उपचार बगैर किसी खर्च के होने लगा है। ‘देर आयद दुरूस्त आयद’ यानी साढ़े चार लाख का खर्च उठाने के बाद उन्हें यह रास्ता मिला। अब वह योजना के संचालकों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और प्रदेश सरकार का धन्यवाद प्रकट करते थकते नहीं हैं।

 

मनोज को अब आयुष्मान योजना की अहमियत के बारे में पता लग गया है, तो अब वह बड़े गदगद भाव से सभी से आयुष्मान कार्ड बनाने की अपील कर रहे हैं। वह कहते हैं कि जनकल्याण की योजना सीधे जनजीवन से जुड़ी है। सभी को आयुष्मान कार्ड बनाना चाहिए। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण भी सभी से बार बार यह अपील करता है कि समय रहते अपने आयुष्मान कार्ड बनवा दें, इसके लिए प्राधिकरण की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

Share this

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *