• Wed. Jul 9th, 2025

उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष के पद पर महेंद्र भट्ट की दोबारा ताजपोशी कर हाईकमान ने साधे कई समीकरण, निगाहें मिशन 2027 पर  

Share this

 

उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष के पद पर महेंद्र भट्ट की दोबारा ताजपोशी कर हाईकमान ने साधे कई समीकरण, निगाहें मिशन 2027 पर

उत्तराखंड भाजपा का नया अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर अब तस्वीर साफ हो चुकी है। पार्टी हाईकमान ने मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की दोबारा ताजपोशी कर एक तीर से कई समीकरण भी साधे हैं
इससे यह भी साफ हो गया है कि वर्ष 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भट्ट की जुगलबंदी पर पूरा दारोमदार रहेगा
साथ ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री धामी व संगठन की पसंद का ख्याल भी रखा है। यही नहीं, यह संदेश देने का प्रयास किया है कि जो बेहतर कार्य करेगा, उसे पारितोषिक देने में पार्टी पीछे नहीं रहेगी।

उत्तराखंड में वर्ष 2017 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में वह मिथक तोडऩे में कामयाब रही थी, जिसमें राज्य में हर पांच साल में सत्ताधारी दल बदल जाता था। अब पार्टी के सामने वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में हैट-ट्रिक लगाने की चुनौती है। इसी हिसाब से सरकार और संगठन फील्डिंग सजाने में जुट गए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर राज्यसभा सदस्य महेंद्र भट्ट की दोबारा ताजपोशी को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।

भट्ट को 30 जुलाई 2022 को बदली परिस्थितियों में प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी और प्रदेश अध्यक्ष भट्ट की जुगलबंदी में हरिद्वार जिले के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भाजपा ने इतिहास रचा तो हाल में संपन्न हुए नगर निकाय चुनावों में पार्टी ने परचम फहराया।

इसके अलावा विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव में पार्टी इसे अपने पास बनाए रखने में सफल रही। विधानसभा की मंगलौर सीट के उपचुनाव में भाजपा पहली बार दूसरे स्थान पर रही।

यद्यपि, यह सीट कभी भी भाजपा के पास नहीं रही। यही नहीं, बतौर राज्यसभा सदस्य भट्ट राज्य से जुड़े तमाम विषयों को भी संसद में उठाते आ रहे हैं।

इस सबको देखते हुए माना जा रहा था कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर भाजपा हाईकमान भट्ट को ही दोबारा अवसर दे सकता है और हुआ भी यही। इसके लिए पार्टी में पकड़ का लाभ भी उन्हें मिला। सभी सांसदों व वरिष्ठ नेताओं का उनका प्रस्तावक बनने को इससे जोड़ा जा रहा है।
इसके अलावा पार्टी में परंपरा चली आ रही है कि सत्ता में रहने के दौरान यदि मुख्यमंत्री कुमाऊं से होगा तो प्रदेश अध्यक्ष गढ़वाल मंडल से बनेगा। साथ ही मुख्यमंत्री राजपूत हैं तो प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण होगा। इस खांचे पर भी भट्ट फिट बैठे।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भट्ट प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए मुख्यमंत्री की पसंद भी थे। इसे भी पार्टी नेतृत्व ने तवज्जो दी। साथ ही संदेश देने का भी प्रयास किया कि जो भी बेहतर कार्य करेगा, उसे पार्टी यथोचित सम्मान देगी। अब मुख्यमंत्री धामी व प्रदेश अध्यक्ष भट्ट की जुगलंबदी मिशन-2027 फतेह को जुटेगी। इससे पहले उन्हें इसी माह पंचायत चुनाव की परीक्षा में सफल होना है।

राष्ट्रीय परिषद सदस्य के पदों के लिए आठ नामांकन
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए नामांकन के अवसर पर पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के आठ सदस्य पदों के लिए भी नामांकन हुए। प्रदेश चुनाव अधिकारी खजानदास के अनुसार राष्ट्रीय परिषद सदस्य के लिए कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट व माला राज्यलक्ष्मी शाह ने नामांकन कराया।

Share this

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed