आठ किमी पैदल चलकर मरीज को डंडी-कंडी से पहुंचाया अस्पताल, देहरादून के पर्वतीय इलाके का मामला

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आठ किमी पैदल चलकर मरीज को डंडी-कंडी से पहुंचाया अस्पताल, देहरादून के पर्वतीय इलाके का मामला

पर्वतीय क्षेत्र के ऐसे सैकड़ों गांव हैं जहां लोग आज भी सड़क न होने का खामियाजा भुगत रहे हैं। देहरादून जिले के जौनसार-बावर क्षेत्र की सीमा से सटे उत्तरकाशी जिले के ग्राम देवती इसका उदाहरण है। यहां यदि कोई बीमार पड़ जाए तो उसे डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाने के लिए रोड हेड तक आठ किमी की दूरी पैदल नापनी पड़ती है।

शनिवार सुबह देवती निवासी 65 वर्षीय मानचंद को भी ग्रामीणों ने इसी तरह हनोल तक पहुंचाया। 35 परिवारों वाले देवती गांव की आबादी 400 के आसपास है। इन परिवारों को घरेलू जरूरत का सामान लाने के लिए त्यूणी व मोरी बाजार जाना पड़ता है, लेकिन इसके लिए पहले हनोल तक आठ किमी का सफर पैदल तय करना मजबूरी है।

ऐसे में सबसे बड़ी मुसीबत तब आती है, जब कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है। शनिवार सुबह गांव में बुजुर्ग मानचंद की तबीयत अचानक बिगड़ गई। तब उन्हें भी ग्रामीणों ने डंडी-कंडी से हनोल तक पहुंचाया। इसके बाद निजी वाहन से राजकीय अस्पताल त्यूणी लाया गया।

ग्राम पंचायत देवती के पूर्व प्रधान जनक सिंह सजवाण ने बताया कि वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की घोषणा के अनुरूप गांव तक प्रस्तावित मार्ग का निर्माण कार्य नहीं हो पाया। घोषणा के अनुसार खूनीगाड-सरास मोटर मार्ग के किमी 10 से देववन तपस्थली तक छह किमी सड़क का निर्माण होना था।

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