भाजपा ने गैरसैण सत्र की आड़ में प्रदेश सरकार के बजट की आलोचना करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमेशा पृथक राज्य निर्माण के खिलाफ रहने वाले कोंग्रेसी नेता अब गैरसैण के विकास का रोना रो रहे हैं।

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गैरसैण को ढाल बनाकर अस्तित्व को बचाने की फिराक में है कांग्रेसी नेता:चौहान
 
देहरादून 15 जून ।

भाजपा ने गैरसैण सत्र की आड़ में प्रदेश सरकार के बजट की आलोचना करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमेशा पृथक राज्य निर्माण के खिलाफ रहने वाले कोंग्रेसी नेता अब गैरसैण के विकास का रोना रो रहे हैं।प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष समेत कॉंग्रेस के नेताओं को बजट निराशाजनक नज़र आता है क्योंकि अंतयोदय परिवारों के लिए मुफ्त 3 सिलेन्डर, सभी वर्ग के छात्रों को मुफ्त पुस्तकें, गौ संरक्षण, नन्दा गौरा योजना, एससी एसटी पिछड़े वर्ग किसानों समेत अन्य कमजोर तबके के लिए बजट में प्रावधान करना उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है ।
  चौहान ने पूर्व सीएम हरीश रावत द्धारा उठाए जा रहे गैरसैण सत्र व गैरसैण के विकास के मुद्दे पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य के विकास के लिए विपक्ष को सकारात्मक सुझाव रखने चाहिए,लेकिन वह गैरसैण को ढाल बनाकर राजनैतिक अस्तित्व को बचाने की फिराक में है। कांग्रेस को बजट में अंतयोदया राशन कार्ड धारकों के लिए वर्ष में मुफ्त 3 सिलेन्डर के लिए धनराशि आवंटन नज़र नहीं आ रहा है। वहीं उन्हे नंदा गौरा योजना के लिए 500 करोड़ की व्यवस्था पर भी मौन रूप धारण किये हुए हैं। बजट में सामान्य, ओबीसी छात्रों की निशुल्क पुस्तकों के लिए 37 करोड़, अटल आयुष्मान योजना के लिए 310 करोड़, मनरेगा के लिए 298 करोड़, पीएम आवास योजना के लिए 312 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 205 करोड़, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना 105 करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 112 करोड़,  वृद्धावस्था, निराश्रित , विधवा, दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर ,किसान, परित्यकता महिलाओं की पेंशन के लिए 15 करोड़, उत्तराखंडी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 55 करोड़, पीएम कृषि सिंचाई योजना 43 करोड़, श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन योजना के लिए 34 करोड़, पलायन रोकथाम के लिए 25 करोड़ का प्रावधान किया जाता है ।
  मनवीर चौहान ने व्यंग कसते हुए कहा कि कॉंग्रेस को बजट निराशाजनक ही लगने वाला है क्यूंकि उनके लिए राज्य की मातृ शक्ति,  गरीब, पिछड़े-शोषित वर्ग, किसानो , छात्रों, पूर्व सैनिकों समेत राज्य के विकास में लगे समाज के सभी तबके, वोट बैंक से अतिरिक्त कुछ नहीं हैं । उन्हे अपने सत्ताकाल की बड़ी बड़ी कागजी योजनाओं में मोटा मोटा कमीशन वाला बजट ही पसंद आता है । यही कारण है कि सभी प्रदेशवासियों को कुछ न कुछ राहत पहुँचाते हुए उत्तराखंड का दशक बनाने की अप्रतिम कोशिशों वाला मुख्यमंत्री धामी सरकार का यह कर वृद्धि रहित यह बजट उन्हे नज़र नहीं आता ।
 

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