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राज्य सरकार उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु भी संकल्पबद्ध होकर कर रही है कार्य – मुख्यमंत्री    

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राज्य सरकार उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु भी संकल्पबद्ध होकर कर रही है कार्य – मुख्यमंत्री

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को खटीमा के टीडीसी मैदान में कुमाऊँ सांस्कृतिक उत्थान मंच द्वारा आयोजित उत्तरायणी कौतिक मेले का शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तरायणी कौथिग में उपस्थित सभी लोगों को उत्तरायणी, मकर संक्रांति, घुघुतिया त्यौहार व लोहड़ी की अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इस मेले से उनका भावनात्मक जुड़ाव भी है। यहां आकर लगता है जैसे वे अपने परिवार के बीच आये हैं। उन्होंने कहा कि इस उत्तरायणी मेले में जहां एक ओर सांस्कृतिक नृत्य और गायन से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उत्तराखंड की लोक कलाओं एवं पारंपरिक गीतों को भावी पीढ़ी तक पहुंचाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर, मेला प्रारंभ होने से पहले निकलने वाली भव्य झांकियों से सजी ष्रंग यात्राष् में देवभूमि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलती है, इसके साथ ही, इस मेले में हैंडीक्राफ्ट और कुटीर उद्योगों के विभिन्न उत्पादों की बिक्री के लिए मंच प्रदान कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का प्रयास भी किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने अपने अथक परिश्रम से इस विशाल और भव्य मेले को वर्षों से सफल बनाने में जुटे कुमाऊँ सांस्कृतिक उत्थान मंच के सभी सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज पूरे भारत में विकास भी और विरासत भी के उद्घोष के साथ जहां एक ओर अभूतपूर्व विकास कार्य करवाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर काशी में विशाल विश्वनाथ कॉरीडोर, उज्जैन में महाकाल लोक एवं अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य एवं दिव्य मंदिर का निर्माण करवाकर देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की नींव रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि आदरणीय मोदी जी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी उत्तराखंड के विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए भी निरंतर प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बद्रीनाथ धाम में पुनर्निर्माण के साथ ही मानसखंड में स्थित कुमाऊँ के पौराणिक मंदिरों के पुनरुत्थान एवं सौंदर्गीकरण हेतु करोड़ों की लागत से परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं, इसके साथ ही हम हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर के निर्माण पर भी तेजी से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा पलायन जैसी बड़ी समस्या के समाधान हेतु विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष औद्योगिक नीतियाँ बनाकर उत्तराखंड में निवेश बढ़ाने एवं रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में भी निरंतर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही होम स्टे योजना, लखपति दीदी योजना और सौर स्वरोजगार योजना जैसी अनेकों योजनाएं लागू कर स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर, हमारी सरकार ने प्रदेश में एक सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर नकल माफियाओं पर शिकंजा कसने के साथ ही पूरी पारदर्शिता के साथ पिछले तीन वर्ष में 19 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु भी संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है, प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून और दंगा विरोधी कानून लागू करने के साथ-साथ लैंड जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकता के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की गयी है, इसके साथ ही, देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता का कानून बनाने का ऐतिहासिक कार्य भी किया गया है, जिसे इसी महीने से लागू कर दिया जाएगा, इतना ही नहीं, अब प्रदेश में ज़मीनें खरीदने वाले बाहरी लोगों की गहनता से जाँच की जा रही है, अगर कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जा रहा है तो उसके भूखंड को सरकारी संपत्ति में निहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि हमारी सरकार द्वारा विकल्प रहित संकल्प के अपने मूल मंत्र के साथ किए जा रहे सभी विकास कार्यों को आम जनता के सहयोग और आशीर्वाद से निरंतर बिना किसी बाधा और भेदभाव के आगे बढ़ा रहे हैं।

इस अवसर पर दर्जा राज्यमंत्री अनिल कपूर डब्बू, भवानी भंडारी सहित मेले के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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By admin

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