प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ धाम को बौद्ध मठ बताने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद को सनातन धर्म की कोई जानकारी नहीं है इसलिए वह उल-जूलूल बयानबाजी कर खबरों में बने रहना चाहते हैं।

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उल-जूलूल बयानबाजी से बाज आयें मौर्य, सतयुग कालीन है बदरीनाथ धाम: महाराज

देहरादून।

 प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ धाम को बौद्ध मठ बताने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद को सनातन धर्म की कोई जानकारी नहीं है इसलिए वह उल-जूलूल बयानबाजी कर खबरों में बने रहना चाहते हैं।

 

पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बदरीनाथ धाम सतयुग कालीन है। यहाँ नर, नारायण ने तपस्या की थी। समाजवादी पार्टी के नेता को पता होना चाहिए कि जब यहाँ नर, नारायण ने तपस्या की थी तब महात्मा बुद्ध का जन्म भी नहीं हुआ था। इसलिए बदरीनाथ धाम को बौद्ध मठ बताना सरासर गलत है।

 

श्री महाराज ने कहा कि हालांकि सनातन परम्परा में महात्मा बुद्ध को भी हम नारायण का ही एक रुप मानते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि स्वामी प्रसाद मौर्य बदरीनाथ धाम के विषय में कुछ भी ऊटपटांग बोलते फिरें। उन्होने कहा कि उन्हें इस बात का पता होना चाहिए कि जब पूर्व में नीति घाटी से उत्तराखंड में व्यापार होता था तो उस समय भगवान बदरीनाथ के लिए तिब्बत के मठों से भी चढ़ावा आता था। उन्होने भी भगवान बद्रीविशाल की महिमा को माना है।

उल-जूलूल बयानबाजी से बाज आयें मौर्य, सतयुग कालीन है बदरीनाथ धाम: महाराज

देहरादून।
प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ धाम को बौद्ध मठ बताने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद को सनातन धर्म की कोई जानकारी नहीं है इसलिए वह उल-जूलूल बयानबाजी कर खबरों में बने रहना चाहते हैं।

पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बदरीनाथ धाम सतयुग कालीन है। यहाँ नर, नारायण ने तपस्या की थी। समाजवादी पार्टी के नेता को पता होना चाहिए कि जब यहाँ नर, नारायण ने तपस्या की थी तब महात्मा बुद्ध का जन्म भी नहीं हुआ था। इसलिए बदरीनाथ धाम को बौद्ध मठ बताना सरासर गलत है।

श्री महाराज ने कहा कि हालांकि सनातन परम्परा में महात्मा बुद्ध को भी हम नारायण का ही एक रुप मानते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि स्वामी प्रसाद मौर्य बदरीनाथ धाम के विषय में कुछ भी ऊटपटांग बोलते फिरें। उन्होने कहा कि उन्हें इस बात का पता होना चाहिए कि जब पूर्व में नीति घाटी से उत्तराखंड में व्यापार होता था तो उस समय भगवान बदरीनाथ के लिए तिब्बत के मठों से भी चढ़ावा आता था। उन्होने भी भगवान बद्रीविशाल की महिमा को माना है।

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